Why INDIAN ARMY is NOT Taking Any AGRESSIVE Step At Border? FactTechz AMAZING FactsShow-Ep1021

Conteúdo do Vídeo OriginalExpandir Vídeo
  • लोग सोचते हैं कि जब दो देशों के बीच में लड़ाई होती है, तब एक देश सिम्पली दूसरे देश पर हमला कर देता है।
  • लेकिन क्या यह सब कुछ इतनी सरलता से हो पाता है?
  • युद्ध सिर्फ मैदानों पर नहीं होता, बल्कि ऑनलाइन भी चलता है।
  • एक समझौते पर हस्ताक्षर करने से एक देश की जिम्मेदारी बढ़ जाती है।
  • रूस के पास चार हजार से अधिक核 हथियार हैं, जो दुनिया को प्रभावित करते हैं।
  • भारत ने अंटार्कटिका में अपने तीन बेस स्थापित किए हैं।

लोग क्तुचते हैं कि जब दो देशों के बीच में लड़ाई और विवाद होता है। क्या एक देश सिम्पली दूसरे देश पर हमला कर सकता है? लेकिन अब देखते हैं कि दो देशों के बीच में लड़ाई जोगी हो सकती है क्योंकि दोनों के पास विभिन्न विकल्प होते हैं। अगर एक देश चाहे, तो वह हमला कर सकता है, लेकिन दोनों देशों की जनता उस स्थिति का सामना करती है।

युद्ध के समय जब एक देश दूसरे पर हमला कर देता है, तब बात यह आती है कि कोई देश कैसा भी हो, उसे अन्तर्राष्ट्रीय नियमों का पालन करना पड़ता है। मान लो कि भारत ने किसी देश पर हमला कर दिया, तो इसके परिणाम भारत के लिए होने वाले आर्थिक और व्यापारिक प्रभावों से जुड़े होंगे।

इसलिए जब भी कोई हमला होता है, तो यह समझना आवश्यक है कि सभी देशों को एक नीम के हिसाब से चलना पड़ता है। देश अपने आप में एक अकेला देश तो होता है, लेकिन फिर भी उसके पास पूर्ण स्वतंत्रता नहीं होती।

एक देश की आर्मी तब सक्रिय होती है जब स्थिति गंभीर होती है। हालांकि, सैन्य इमोशन में आकर काम करने की बजाय अनुशासन का पालन करना चाहिए। यद्ध युद्ध केवल मैदानों पर नहीं होता, बल्कि ऑनलाइन भी चलता है।

जब एक समझौते पर हस्ताक्षर होता है, तो यह दोनों देशों के लिए जिम्मेदारी होती है, और अगर उन समझौतों का उल्लंघन होता है, तो समस्या पैदा हो सकती है। इसमें शांत रहने की आवश्यकता होती है।

अब, जब हम रूस की बात करें, तो व्लादिमीर पुतिन जैसे नेता के पास चार हजार से अधिक न्यूक्लियर वारहेड्स हैं। रूस की स्थिति सबसे से उभरकर सामने आता है। अगर भारत को रूस का सहारा मिला है, तो यह एक महत्वपूर्ण रुख है।

भारत ने अंटार्कटिका में कई बेस स्थापित किए हैं, और यह अपनी वैज्ञानिक अनुसंधान में सक्रिय है। बिना किसी बाधा के, इन बेशों की अवधारणाएं भारत के लिए एक स्थायी सुरक्षा का महत्व रखती हैं।

चीन की स्थिति भी गंभीर है, जहाँ यह आवश्यक ज्ञान को नियंत्रित करता है। हमें ध्यान रखना चाहिए कि सूचना का प्रवाह किसी भी देश की स्थिति को प्रभावित कर सकता है।

अंत में, भविष्य में भारत की भूमिका और मजबूत हो सकती है, लेकिन यस सावधानी और सोच विचार से इसे अपनाना होगा।