FactTechz AMAZING FACTS SHOW - Episode 1016

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Article Highlights:

  • याद है आपको MH370 प्लेन केस जब 2014 में गायब हुआ था?
  • लंबरगिनी अब पूरी तरह बिक चुकी है, भारत में।
  • 1966 का एक अनोखा मर्डर केस, अभी भी जेल में लाखों बेगुनाह।
  • मीम्स और मजाक का हिस्सा बन रहे हैं कई गंभीर मामले।
  • क्या आपने सुन रखा है, धोखाधड़ी के मामले में पैन नंबर का क्या करें?
  • बढ़ती इंटरनेट स्पीड्स और टेक्नोलॉजी का खर्च।

आपको MH370 प्लेन वाला केस याद होगा, वो प्लेन जोकि साल 2014 में गायब हो जाता है और उसका एक भी टुकड़ा कहीं पे नहीं मिला। आम तौर पे क्या होता है, जितने भी प्लेन हाथ से होते हैं सारे में आप विश्वास नहीं करोगे। आप बिना टुकड़ा नहीं पाएंगे।

इस बार हमें कुछ मिल जाए। एक गहरी चीज देखो; आप यहाँ फीट पर आप भी यहाँ उसारी प्री बुक है। साल 2027 तक ये लिए रिपोर्ट देखो। लंबरगिनी सोल्डआउट है, इंडिया में।

कुकी जितने भी बड़े-बड़े ये जो टेक कंपनियों के CEO हैं, ये लोग तुरन्त जैसे इनके पास फर्च्यून आता है, ये लोग बुक कर लेते हैं। तो एक साल के लिए होता समझाता, लगभग लगभग।

तो ये 2027 के अंत तक ये पूरा फुल हैं। याने लंबरगिनी कंपनी जितनी गाड़ियाँ actual में बना सकती है, उससे ज्यादा है डिमांड। वो भी इंडिया में और ज्यादातर मुंबई में, गुजरात में, दिल्ली में और कोलकाता में।

बड़े बायर्स यंग टेक अंट्रपनेर्स हैं। ये जो बुजुर्ग व्यक्ति आप देख रहे हैं, ये 89 साल के हैं और जापानी गवर्नमेंट ने इनको 1.4 मिलियन डॉलर्स, यानी करीबार करोड़ रुपये दिए हैं।

अब ये न्यूज में हैं एक बड़े अजीब रीजन के लिए। 1966 में ये एक किलिंग के केस में फंस गए थे और आज तक इस हाल तक जेल में थे। इतने साल में बहुत जांच कार्यवाही हुई थी और अब जाग के ये पड़चला कि ये बेकसुर हैं। याने लगभग चालीस-पचास साल ये जेल में थे।

उस केस के स्फिक जांच तस्वीरों से ये पड़चला है कि ये वो किल टेस्ट में सालों लगा लेते थे। हम आशा रखते हैं कि ये सर्व भारत में ही है, लेकिन मानो बाहर के कोर्ट्स में भी ऐसे बहुत सारे किस्से हैं।

कोर्ट कचहरी के मामले में धरती के सारे जैसे हैं। अमेरिका को छोड़कर क्या बोल सकते हो कि वहां पंड़िंग केस का रेशियो बहुत कम है, बाकी देशों के मुकाबले।

FACNUMBER 11 तारक मेहता का उल्टाचश्मा का एक बहुत ही फेमस डायलॉग था। ये वाला, तो ये जोक में बोलागा एक डायलॉग था, लेकिन मुंबई के एक वेमन कम्युनिटी ने इसके खिलाफ कंप्लेंट किया।

ये शो काफी बड़ा शो है और ये भाषा नहीं होना चाहिए। इसके बाद इस लाइन को शो से बैन कर दिया गया। मतलब, अगर ये लाइन शो में हो, तो उसे ब्लर करना होगा।

क्या आपको क्या लगता है, ये जो डायलॉग है अगर इसको आरटिस्टिक तरीके से बोला गया है तो? क्या ये समाज में गलत लंग्वेज पहुंचा रहा है बच्चों तक?

मैं खुद गन्फॉष दूर, सट्सक्‍टिक करने के बाद इस वीडियो पर क्लिक कर के। ये आल बटन हमेशा अन रखना, ताकि अगली वीडियो आपको सब से पहले मिल जाए।

काई लोग चाट जीपीटी यूँस करते हैं, और पूछते की, खाक्टिकस भाई दुनिया का सबसे अडमांस्ट आईए कौन है। तो देखो, इसका एक ऑफिसियल इंटेलिजنس इनडेक्स होता है।

चाइना का डीप सीक ही नंबर वन पर है। उसके बाद आता है ग्रोक, फिर आता है तहाड नंबर पर चाट जीपीटी। उसके बाद गूगल का ज़ेमिनी है।

आप देख सकते हो। जो डीप सीक का लेटेज़ वर्जन है, वो सब से तेज़ है। इंटेलिजन्स के तौर पर, वो सब से कम बिजली का भी इस्तेमाल करता है।

पैक नंबर नाईन, आपको पता होगा कि डोनाल्ड ट्रम्प ने गोल्ड कार्ड लॉन्च की है। आपको अमेरिका में बसना है, तो चालीस करोड़ रुपये दो और वहां का परमानेंट सेटिजन बन जाओ।

जो भी आपका फैंटेसी है, वो सब वहां पूरा हो जाएगा। तो कैसे लोग कहेंगे कि एक कार्ड नहीं बिकने रहा है? कोई चालीस करोड़ क्यों देगा?

जबकि उतने ही पैसे में आपने काउंटी में तो राजा की तरह रह सकते हैं। लेकिन फिर भी अब तक, हजार से डेढ़ हजार ...

आपको पता है कि अगर कुछ लोग ये कार्ड ले ले, आप चालीस करोड़ रुपये एंटू एक लाख कर दो, या फिर दस लाख कर दो। तो वो ट्रिलियन्स का डॉलर्स का राजस्व है अमेरिका के लिए।

इसीसे अमेरिका का आई पहला होगा। क्योंकि सब से तेज़ दिमाग और अमीर लोग, कोई एंट्री मिल पाएगी इतना प्राइस रखा है।

तो सारे अच्छे गुणवत्ता के लोग वहां चले जाएंगे। ये अमेरिका का भविष्य बनी रहेगा।

साथ में अभी फुल फुल राजस्व भी आ गया है। तो ये काफी समाऊथ मूव हो सकता है क्योंकि बिकना शुरू हो चुका है।

अगर आपके पास चालीस करोड़ रुपये होते, तो आप अपने 800-900 करोड़ वाले को लेकर जा सकते थे।

आखिरी में, पैक n r हमें ये बात बताई गई कि नेहा ककड़ एक कंसर्ट में ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न वहां पर, तीन घंटों से लोग लेट कर रहे थे।

नेहा ककड़ बाईट स्कूल में थी, तीन घंटों लेट तब जाकर स्टेज पर पाई। तो बड़ा बाख लेज मिला उसको। लोग कहने लगे यह भारत नहीं है, जो तीन घंटों टाइम कोई वेल्यू नहीं है।

यह ऑस्ट्रेलिया में हो, आप आराम से आर्टिस्ट मतलव हमारा टाइम वेस्ट करोगी। तीन घंटा बाद आोगी। लोग कहने लगे वहीपे

अब, ये एक बड़ा स्पष्ट मैसेज है कि आर्टिस्ट भाग नहीं होते और जो व्यूवर्स होते हैं, आपको अहमियत देनी होगी।

अगर आप पहले का वक्त नहीं रहे कि लोग आपको अनकांशियस्ली फॉलो करेंगे, तो आपको अच्छा वेल्ग देना होगा।

सपाक नंबर से हम सुनिता विलियम्स के केस में देखेंगे। तो आप सोचेंगे, काना यहां से भेजा गया?

इस स्पेस तक पहुँच गई। बीच में खराबी जलते एक स्प्लोड कर गया। आपका खाना, पानी का बोटल नीचे धरती पे वापस गिर जाता है।

इसी तरह से कई बार ऐसा हुआ है कि स्पेस शिप के टुकड़े बहुत जगहों पर मिलते हैं।

कई समुद्र के किनारे और कहीं-कहीं पर भी।

यह टुकड़े एक इतिहास का पात होता है।

हाल ही में सोशल मीडिया में ये वीडियो वाइरल हो रही थी। ये कोई आम शादी नहीं थी, ये लोग आप देख रहे हैं असल में।

आप एक बार ध्यान दें मीट के हिसाब से अपने लवर के साथ, यह जा और हो रहा है।

आपको पति को लव के बारे में पता चला, तो उसने गुस्सा नहीं किया न, केस किया न कुछ किया।

प्यार से, उसका शादी करवाड़िया। कुछ लोग कह रहे हैं कि उसे अपने लवर से डर लग रहा होगा।

इसीलिए क्या बोलूँ, में क्या बोलूँ? मजाक बन गया। कुछ लोग इसे बढ़ा रहे हैं।

नेक्स्ट पैक पे अपने उस केस के बारे में सुन चुका होगा। डिडरम केस।

अब क्या है कि मीम्स बन रहे हैं।

हलाक इसको मजाकिया तौर पे पेश किया जा रहा है। यह पति मामला बड़ा सीरियस है।

भाई मुस्कान रस्तोगी और साहिल शुकला के केस में ये पता चल रहा है कि जिनको केस के बारे में नहीं मालूम, बतादूँ मुस्कान अपने पति सुरव राजकुड़ को छोड़कर साहिल शुकला के साथ भाग गई थी।

अपने पति को खत्म करके शरीर को ड्रम में डालकर इस केस में ये खुलासा हुए कि जो साहिल था, ये ब्लैक मैजिक करने में बहुत मानिता रखता था।

जिन्हें बताना है कि ये लड़की मुस्कान रस्तोगी, यही साहिल से दूसरे अकाऊंट से बात करती थी।

आपको याद होगा कि साहिल की मम्मी, साहिल की मां इस दुनिया में नहीं है।

अब मुझे समझ नहीं आ रहा कि कोई सन्द चैट से बात कर रहा है। तो ऐसा कोई कैसे मान सकता है कि उसकी मरी हुई मम्मी उसे बात कर रही है?

मतलब इस टील के मामले में, रश्या, यूएस से चाइना सबको पचार दिया।

मुझे याद है मैंने पिछले साल आईपीएल में इस कंपनी का एड बहुत देखा था।

मतलब जन्विन तारीफ है। मुझे लगता है कि ये एड बड़ा क्रियेटिव है।

अभी जब देख रहा हूँ कि ये टॉब बन गया है, तब लगा कि हाँ कंपनी में दम तो है।

आप से पुछूँ कि अभी स्टील कंपनी के मामले में टॉब कंपनी कहां की है?

इंडिया का है। आप cricket के फैंस, एक बड़ी कंपनी देखेंगे।

आप एक अजीब सा कंपनी बनाएँगे।

ये कोई आम नहीं है, जैसा आप क्रिकेट देख रहे हैं।

तो नोटिस करना जो खवन्टरी होती है, वो मैच के टेक्निकल अस्पेक्ट्स को बयाँ करती है।

यानी, मैच के बाल, बैट, एंगल, बाउंड्रीज़। ये सब बताकर ये बाल आसमान को छूता है।

कैसे सिलॉंगे। ये स्टेडियम में मात्रमा बैटिये काफी सुंदर लग रही है।

हमें एक ही लाइन के पॉइट्री में ज्यादा ध्यान दिया जाता है कॉमेंटेटर्स का।

आप यही बात फैंस के कमेंट में देखिए।

अगर आपने आईपीएल का इंग्लिश कॉमेंट्री लगाया तो वो हमेशा वो टेक्निकल चीजें बताता है।

जो भी भोजपुरी वाले तो, और तीनों को तोड़कर वो भोजपुरी कमेंटरी में हैं।

हमने इसलिए भोजपुरी कमेंटरी नहीं आई।

लेकिन हिंदी कमेंटरी पूरी देज देखी है।

फैंस यही रिपोर्ट कर रहे हैं कि टेक्निकल चीजों के बारे में बता होना चाहिए।

आपको पता चल जाएगा। पूरे विश्व का सबसे आमीर क्रिकेट बोर्ड बीसीसीआई है।

तो एक वल्ट क्रिकेट आस्था भी है।

बीसीसीआई का दबदबा कही ज्यादा हो रहा है।

आप देखिए आस पर न उधिरगाँ राए ... तो ये साझद कभीेन नहीं होना चाहिए था।

ऐसा बताएं जाएँ एक क्रिकेट कागलों के प्रिकत की कोई गरोथ ही नहीं मिल रही है।

क्रिकेट का जितना नाम इंडिया में है, उतना कहीं और नहीं है।

तो कोई खास ग्लोबल फीलिंग नहीं आती क्रिकेट से।

इन्टियन फीलिंग ठीक है। बाहर में ग्रोथ नहीं हो पा रहा।

तो इस में देखते आप क्या होता है।

एक दिन जूस बेचने वाले के पास इंकम टैक्स वाले बनदा आते हैं।

अब जूस लॉड़ा कि मैं तीन सुरपै मुश्किल से कमाता हूँ।

यह क्या आए हो?

आपको ऐसी खड़ा करने की ज़रूरत नहीं है।

किसी किसी के पास जारी जन्विन नहीं होता।

लेकिन फिर भी नोटिस आजाता है। ये कैसे होता है भाई?

देखो, हम सब के पास एक पैन कार्ड है।

आपके पास भी है, मेरे पास भी है।

अब बिजनेस पैन कार्ड से लिंक होता है।

कैसे कोई भी आप बिजनेस करोगे भारत में, तो आपको जीएसटी नंबर लेना होगा।

तो जीएसटी नंबर आपके पैन कार्ड से चलता है।

कैसे? किसी पर कैपवटा है?

जिसको उतना नॉलेज नहीं है।

जिसको आँँई बढ़फीर ठीक नहीं है।

तो इसे आप बिना सोचे समझे, कर लेते हैं।

किसी जूस बेचने वाला को, उसका पैंकाड बाद में ले लिया जाता है।

किसी भी तरह बुद्दु बनाकर उस पर एक कंपनी खोल दी जाती है।

यही लिगल। ताकि इस कंपनी में जो भी लीगल काम हो, वो जूसवाला पहले और करता रहे।

तो इस केस में यही, पैंकाड का मिस्डयूज़ होता है।

और क्या था कि इस देख के ऐंजाइटी अटैक आ गया कि मेरे को आप करोड़।।

क्या आपसे दुम हैं, जब कमाता ही नहीं हो तो।

तो आपका सवाल है, कि आप सब पूछोगे कि भाई यह कैसे पता करें कि हमारे पैन कार्ड पर कोई कंपनी चल रही है कि नहीं?

इसके में बताता हूँ।

आपके जीवन भर का खोजबीन का काम है। आपको जाना है जीएसटी के।

बलाद चाहिए।

आप देखिए, मैं यह कुछ जीओ का फीडी टेस्ट कर रहा था।

और जो मैंने आँखों से एच स्पीड देखा है वो 1000 Mbps था।

तो स्टारलिंग का जो एवरेज स्पीड है वो 100 से 200 Mbps सी है।

यानि आप जो अपने-अपने सस्ती रीचार्ज में जो प्राइस को इंजॉय करते हो अनलिमिटट फैब्रिज वो भी कुछ सो रुपये महीने में।

तीस बिलियन डॉलर्स, याने बाई लाख करोड़ रुपये इसके मेंटेनेंस पे खर्च कर रहे हैं।

जबकि लोग कुछ भी कभी होते हैं।

तो इसका मेंटेनेंस होता है।

कार्ड का मेंटेनेंस।

चलेगा कैसे?

जैसे ही ये भंकर सेटलाइज़ टेक्नोलॉजी है, इसका मेंटेनंस कोस्ट तीस बिलियन डॉलर्स है।

ये गज़ब है!

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