FactTechz AMAZING FACTS SHOW - Episode 1009

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  • कुछ हैसी बातों को आज इस वीडियो में जानोगे।
  • सुनकर आप कहोगे, सुपर फैंटास्टिक।
  • एक नाज़ुक स्थिति के बारे में जानकारी मिलेगी।
  • अद्भुत मामले का जिक्र होगा, जो शायद पहले नहीं पता होगा।
  • जानिए प्रकृति की ताकत और वैज्ञानिक तथ्यों के बीच का संबंध।

कुछ हैसी बातों को आज इस वीडियो में जानोगे, इसको सुनकर आप लाश्ट में कहोगे, सुपर फैंटास्टिक। आप इस यकीन नहीं करोगे, लेकिन इन साइड बेभी वाली जानकारी पे कितने कमेंट्स हैं।

लोग बताने लगे कि भाई कुछ भी करना या ना करना, बाटिसके बारे में ज़रूर बताना डीटेल में। तो एक नाज़ुक मामले में एक बच्चे के अंदर एक बच्चा पाया जाना, जो मैंने बताया था, ये मांस का टुकड़ा है, एक साल की लड़की के अंदर चीन में पाया गया था।

हमारे भारत के महाराष्ट्र में भी ऐसी के सूझ दिन पहले हुए थे। पर आपको पता है, रही फिक डरावनी बात ये है, कि अगर नहीं जन में बच्चे के पेट के अंदर बच्चा का मांस का टुकड़ा बाई चांस मिल भी जाए, वो भी समझा आता है।

गिन मैंने भारत में ऐसे हो रखे के बारे में नहीं बताया, बल्कि चीन का केस इसलिए बताया, क्योंकि ज़रा ही अजीब था। देखों, मुझे ये बोलने में बहुत अजीब लग रहा है, और शायद मुझे ये फोटो नहीं दिखाना चाहिए। तो सेंसिटिव लोग हैं, दिल के वो थोड़ा सा कंट्रोल करें।

तो चीन में जो बच्चे के अंदर बच्चा वाला केस हुआ था, उसमें जो दुसरा बच्चा यानी मांस का टुकड़ा था, वो लड़की के दिमाग में पाया गया था। ये देखो उसका ब्रेन। जब उसकी जन ली थी, तो उसका सर कुछ बड़ा था। डॉक्टर ने उतना विदिहान ने दिया कि वो फोड़ा सा ही बड़ा था।

एक साल भीते तो उसका सर एलिन की तरह बड़ा होने लगा। कुछ आपसे। जब इतना बड़ा हो गया तब डॉक्टर ने सोचा, कुछ तुमर या ऐसा कुछ हुआ होगा, कैंसर का केस। लेकिन अजीब बात है, कैंसर या वैसा कोई बीमारी नहीं था, कि सिर्फ उस बच्चे के अंदर एक बच्चा था, जो कि उसके दिमाग में बड़ा हो रहा था।

फिर वही उस बच्ची का ऑपरेशन किया गया, दिमाग से उस मांस के टुकड़े को निकाला गया, उसके बाद जाकर वो बच्ची नॉर्मल हो गई। लेकिन बस दस बारह दिन के अंदर, उस बच्ची के अंदर अजीबोगरीब सिम्प्टम्स आने लगे।

अब सिंप्टमल बात है, ब्रेन के इतनी भंकर सर्जरी होगी, तो बड़ी नॉर्मल तो नहीं रहेगी। और मात्र बारह दिन में वो लड़की वुजर गई। आपने एक नहीं, जन में बच्चे को देखा हो, पर क्या हो अगर मैं बोलूं, कि उस नहीं जन में बच्चे के अंदर, एक और नया बच्चा है?

ऐसे केस को फीटस इन फीटू कहा जाता है। और इस केस में एक साल की लड़की के अंदर ये पाया गया है। देखो ये क्या चीज है, ये कोई दानव नहीं है, बल्कि एक दुसरा इनकम्प्लीट बच्चा है।

तो कि उस एक साल की लड़की के अंदर देखलप हो रहा है, हरती के पूरे इतिहास में, ऐसे सिर्फ वो दोसो केस हुए। और ये वाला स्पेशल केस चीन में हुआ था। अपने बच्चे को बचाने के लिए भी आप देखल देखल हैं।

ऐसे केस में बच्चों का एकी रास्ता है, और वो है ऑपरेशन। और इस चीन के केस में वो बच्ची को बचा लिया गया।

तास मैं ऐसा लाइन बोल पाता, अपने बच्चा बादती को बचा लिया। ऐसे केस तो हजारों हो रखे हैं, लेकिन ब्रेन में पाया जाने वाला केस, ये दोसो हुए। मरे बाई, ये आपको बता है आमतोर पे तब होता है, जब ट्विन बेभा, तो बच्चा जो निकलता है।

आपके जुड़वा बच्चे आपने सुना होगा, जुड़वा बच्चा निकलने वाला होता है। और उसी में कुछ मेल फंक्शन हो जाए, कुछ दिक्कत हो जाए। और साम हाल में इसको लिए विज्ञान कैसे समझाए।

आपके बच्चे निकलने का बच्चा हो जाए। और तब अजीबोगरीब सब होते हैं। इससे ये पता चलता है, कि इंसान कुछ भी कर ले, नेचर ही सबसे पावरफुल है

प्रकृति के आगे सबको झुकना पड़ता है। कोका नाम का एक पेड़ होता है। और कोका कोला कंपनी इसी पेड़ से बनता है। तो कोका कोला कंपनी, पेड़ को लेती है, ड्रग को अलग कर देती है।

बारकी चढ़ग पर दिनगा पड़ता है। या कोकं। इस पर लगता है जब है, नाम ही है कोका वाला कोका फिर भी देखें, एक तरह से तो सूर्स तो ड्रग वाला है न? कोका कोला कंपनी, तो सो बारा करोड़ रुपये प्रॉफिट डेली कमाता है रेवेन्यू

नहीं, प्रॉफिट, मुनाफा, मर्चेंटाइस एक्स नाम का एक सीक्रेट फॉर्मूला है, जिसे इस कंपनी के 80,000 एम्प्लॉईज में से सिर्फ दो एम्प्लॉईज जानते हैं। कहीं भी आप ये नाम सुनेंगे मर्चेंटाइस एक्स तो समझ जाना ये उसी सीक्रेट फॉर्मूला का नाम है।

क्योंकि लास्ट सुस आलो से एक ड्रिंक को पूरे दुनिया के टॉप पे रखी 1886 से लेकर आज तक पेड़ के पते से बनता है। ये तो सब को पता है, पर एक्सेक्ट फॉर्मूला सीक्रेट है। ये जानकर आई थो मैं बताया।

तो सिर्फ थो एक ऐसा टूर किसी को यकीन नहीं नहीं है। भारत में उतने लोग कोका कोला पीते हैं, लेकिन उन्हें पता नहीं है कि, कोका का मतलब क्या मतलब है।

और वही कोका वाला प्लांट अब सवाल आता है कि जिस पेड़ से नशीला पदार्थ कोका बनता है, उसी पेड़ से कोका कोला भी बनता है। तो इस चीज को अलाउ क्यों किया जाता है? सरकारी से रोक क्यों नहीं देती?

कि इतने भंकर सोर से तुम ड्रिंक बना रहे हो। ऐसा इसलिए कि इसके ऊपर कॉन्ट्रोवर्शियल रिसर्चें हो चुकी हैं। और ये पाया गया है, अगर कोई नशीला पेड़ लोग, तो कोका प्लांट को लिए हम लोग, अब उसके अंदर का नशीला चीज जो भी है, उसको हम लोग अलग कर देते हैं।

अब बचा सुखा पत्ता, तो टेक्निकली आप चाहो ऐसी कंपनी खोलना, तो आप भी कर सकते हो। क्योंकि जब नशीला चीज अलग हो गया है, तो फिर नार्मल चीज से आप अपने डिमाग का यूज करके कुछ भी टेस्ट बना सकते हो।

बस नशीला कुछ नहीं होना चाहिए। यार कोका कोला यही काम करता है। फिर आपने मिस्ट्री में डग को अलग करता है। नशीला पदार्थ को अलग करता है पेश्ट से, और सुखे पत्ते से कोका कोला बनता है।

आप देखो! अब यही काम आसान तो है नहीं। कंपनी पे विश्वास करना भी मुश्किल है। इसी लिए पूरे धरती पे पूरे विश्व में एक ही कंपनी को अमेरिकन सरकार लौटने की कोई काम करने को कहा गया है।

वही काम की पेड़ आर हैंग फैक्ट्री में डल रहा हैं। सही से ड्रग अलग हो रहा है कि नहीं? सही से सुखा पता कोकोला के लिए जा रहा है या नहीं? ये सब चीजों को मैनेज करने के लिए एक स्टिपन कंपनी है यूएस की। और यही एक लोगती ऐसी कंपनी है पूरे धरती की।

इसके आस एक्सक्लूसिव स्थेब लिए राशियों है कि अगर ये ऐसे काम करती हैं, तो यही कंपनी अलग कर के कोका को मेडिकल यूज के लिए बेच देती है। ये बाकी कोका कोला के हाथ में थमा देती है।

अब यहां भावर्ज सब आप लोग लोग ने पुछा कि एक मिनट, कोकेन को मेडिकल यूज़ के लिए, क्या मेडिकल यूज़ के लिए? ये तो नशीला पदार्थ है। अगर एक बार अगर कोई ये ड्रग ले लें, तो उसको इतना खुशी मिल जाता है।

आप अपने लाइफ के नम्फा के सबसे प्यराल पैसे को प्रमगता नहीं कर। और उसको एक लाख कर दो, उतना अच्छा फीलोगा।

जब आप आप फील होते हैं, तो आपकी रेग कुट बनाने की इच्छा, काड़ी भंगला का इच्छा जो होता है। बेसिक सब आप आप चला जाएगा। आपको बस चीज़ होगा वो ड्रग मिल जाए।

तो ऐसे भंकर चीज का, मेडिकल यूज़ मतलब क्या? मतलब यही कि कई सर्जरीज होते हैं, नॉर्मल तो नहीं है। ये जैसे कि ब्रेन सर्जरी, बों सर्जरी, जिसमें कि एनेस्थेसिया के साथ, ये भी दिया जाता है।

उस जगह को नम्बर करने के लिए। डिटेल में तो नहीं गुसेंगे, बट ये जान लो। ये आस तो नहीं है कि खाली कोकें तो खुशाया जा रहा है। अगर आपकी दस केमिकल के साथ, हल्की मात्रा में कोकें को मिक्स करके वो मेडिकल चीजों में ये जाता है।

और वो बिल्कुल प्रॉपर लीगल चीज है। क्योंकि वो रिक्वायर्ड है, उसके बिना उचेन कम्प्लीट नहीं होता है। मेटिकल एड़ुस्तारी तवायों का जो पूरा दुनिया है, उस में ये काम में आता है।

इसलिए कोका कोला कोकेन को बेचा जाता है। मैं एक अपनबाद बता रहा हूं, इसको लाइफटाइम याद रखना। अगर आपके पास अभी दस करोड़ रुपये भी आजाएं, और साथ में आपके जिंदगी में कोई नशीला ये जो सुखा नशा होता है, वो आजा है,

तो आप यकीन नहीं करोगे, वो दोनों अगर साथ आए, तो आपका जो दस करोड़ है, अपने नौकरी करोंगा पढ़ाए करोंगा, नहीं आजा ही तो नहीं हो पाता है। वो अल्कोहल, सिगरेट, इस लेवल के चीज नहीं, उसे एक लागुनी उपर का नशा देता है।

तो इस केस में आपके शरीर की कितनी वाट लगी, सिंपल आंसर है, आपका हेल्थ का मीटर, सो में दस पे आजाए। और इसी कारण वो डाएट को एक इंसान ने अपनाया था, और उसका कोलिस्ट्रॉल इतना बढ़ गया था।

ये अजीब सी बात है कि कोलिस्ट्रॉल लीक कैसे हो सकता है यहां से! तो बावडी के बाव से एक्सेस जब भी कुछ होता है, जितना उसको जरूरत हो से ज्यादा।

तो ऐसा होता है, जब फूड लिंटेक ज्यादा हो, तो क्या होता है? अब अगर को इंसान ओन्ली मीट डाइट फुलो करे, उसके बावड़ी में फाइबर, फाइबर जो हमें जरूरत है डेली, वो पता कितना जाता है, जीरो।

कई विटामिन्स जीरो मात्रा में जाते हैं। अब कई इंटरनेट सलीब रीतिज हैं, अब अब इंटरनेट से चीज़ें हैं ना, यावे कुछ भी आप बता सकते हैं। और उस पर जुट हो, फिर भी लोग यकीन कर लेते हैं।

तो हर कोई जिम्मेदार नहीं होता है। क्या आपको अच्छे सर्च कर के ही बताए हो चीज़? तो यहां एक महीने के लिए, दो महीने के लिए कोई वेट गेन, अपना वजन बढ़ाना या लोस के लिए कर रहा है।

वो तो अलग के से, लिं काई लोग सालों तक इसको तग टेने, तब ही तो आप न्यूज आता है कि कोलिस्ट्रॉल जमा हो जाता है।

एक बहुत धीब बात है। इसे तवाख सांड कर एक सुनना होगा। अभी से आप मान लीजिए, कुछ ओज जाकर पानी ना पिए, छे घंटे होगा। आप पानी का एक बूंद नहीं लिए।

बारह घंटे होगा, आप पंद्रह घंटे हो गए, पानी का एक बूंद ने लिया। फिर एक दिन हो गया फिर भी आपने पानी नहीं पीया। आप बताओ, तब आपके बावड़ी में कैसी फीलिंग आएगी? अक्ष्त्में प्याश वाली feelings तो जाएंगी।

जो ट्रडिशनल सालों से चलते आरा, उसको इग्नोर करता है और ज़ादा फैंसी चीजों में जाता है। तो बावड़ी में कई विटामिन्स और नुट्रिशन की कमी होना शुरू हो जाती है।

इसलिए फैंसी डाइट्स सब को करने की ज़रूरत नहीं है। जो नॉर्मल खारे होना उसी को मुस्त खाएं। जिस तर आपको प्यास लगती है, पानी की बावड़ी को भी नुट्रिशन की प्यास रहती है।

और जब आप फल, फ्रुट, चावल, चना, दूध, मक्खन, दही, ये सब खाते हो। तो सब उसे पुर्न होने लगती। बस इंडिया में प्रोटीन लोग कम लेते हैं।

अब बात के बात है, अडिएग, एग वाएज, ये सब खाना चाहिए और प्रोटीन के लिए वाएज के रहादे, मेट्रो वाला, तो दो करोड़ लग जाएंगी।

जबकि अगर जमीन में पट्री रहती है, रेल वाली, वो अगर लाके घर में चादे, उसका एस्टीमिट खर्चा दस लाख में ही बन जाएगा।

तो सवाल आता है, कि मेट्रो पट्रीयों में ए क्यों गया? बनोगे तो डॉक्टर कहता है, ये तो इंजीनियर कहता है। तो जो इंजीनियर बोलता है, वो आखिरकार यही सब चीजों में में बाउनली काम आता है।

आपके शहर में जो भी मेट्रो लाइन बनी है, तो जिस इंजीनियर ने भी बनाया होगा, उसे आज तक सरकार लेई कर रही है। और अगर वोड़ा हो गया होगा, जागे पूछना उस पेंशन में कितना आता है।

लाखों में पेंशन लाइफ टाइम तक मिलता रहेगा सरकार की तरह से। लोग को जानता हो, तो इस में गडनरिंग का खर्चा बहुत होता है।

ये तो दूसरी बात, मेट्रो लाइन्स कहाँ बनती है? मेट्रो शहर में और मेट्रो शहर का जो जमीन का दाम होता है, प्रेस होता है।

गांव से कितना तो आप तर्टी लहाँ तरेऊड़ा को देखाई होगा। खड़िके बार, पूरखेट, खलयाल, पेशब पौधे जंगल से तरेश गुजरती है।

तो उन सब एरिया में जिन लोगों का जमीन होता है। वो लिट्रली आँसा जमीन है, जिसका शायद नेश्ट शां साल में कोई यूज नहीं है। कि वो जो खेड़ एरिया आप देखते हो ट्रेन से, रात को या फिर शाम के वक्त पूरा खेटी खेट रहता है।

वो सब एरिया शहर से बहुत दूर होता है, और आइसो लेटेड होता है। तो उनका कोई प्रैक्टिकल यूज होता नहीं। तो उन्हें इतना अच्छा कीमत देती है कि वो नहीं कर पाते हैं।

लेकिन फिर भी वो कीमत मेट्रो शहर से बहुत कमी होती। पीनेट सोती है, बोले तो, बदाम का कीमत रहता है, मतलब बहुत कम रहता है।

आपके शरीर में बहुत सारे अलग अलग अक्यूप्रेशर पॉइंट मौजूद हैं। जिससे दबाने से स्वास्थ अच्छा होता है। तो एक विश्व प्रसिद्ध रहाथ सबन नाम का एक पॉइंट है।

और ये आपके लेफ्ट हाथ के इस जगह पर स्थित है, मेरा लेफ्ट सांई ये ये का ये हाथ पे। पोजिषन को ध्यान से देख लेना एक बार।

सी को ऐसे ऐसे दिन में पांच मिनट तक दबाओगे, तो एक अक्यूप्रिषर हाथ हेल्दी होता है। अस्सी परसेंट लोगों को अक्यूप्रिषर के बारे में मालूम ही नहीं है।

इसलिए ये जानकारी तो आपको होनी ही चाहिए। हर्ट के बारे में एक सीक्रेट बता दूं आपको, आपका हाथ आपका दिल उस सांई मौजूद है।

अक्यूप्रिषर देने से, निगेटिव एनर्जीज भी डाउन होती है। तो यह जो हाथ सेवन पॉइंट है, ये जो नर्व है, वो डायरेक्टली हाथ से कनेक्टेड है।

अब ये जो फेमस बात है, की ये वाला में फिंगर रिंग, अक्यूप्रिषर काम भी ऐसी करता है। जब किसे जगह पे प्रिषर अप्लाई किया जाता है, बाडी में एक रिदम क्रिएट होता है।

और वो डायरेक्टLY उस पार्ट को एप्ट करता है, जिस तक यहां का नर्व ज़र है। मतलब इसको डिटेल में समझने की ज़रूरत नहीं है।

बस ये जान लो कि इसको ऐसे प्च्पच पच्पच पच्पच करने से, ये खुश होता है। इतनी अजीब बात है ना कि हमारे लाइफ में कई अमैज़िंग चीजें ऐसी हैं।

क्योंकि हाजिर करती है, लेकिन उनके बारे में पता नहीं है। लेकिन सर्च मारो तो बिल्लियन्स ऑफ इंफार में है। उसके बारे में है।

तो इन चीजों को तो अवेयर कराने का काम है मेरा। आप लोग बस आराम से बैठो और बस वीडियो का वेट करो। बाकि ये रिसर्च का ताम जाम, और खुईस्टी की ये आवेरनेस कराने का काम है मेरा।

वह आज का आज का ऐंट्रस्टिंग वीडियो का एनालिसिस है। वीडियो को लेकर जोड़ करना नहीं अच्छा दे से कमेंट करना, लेकिन से ग़दो ग़ासा लगा।